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फाइनेंस क्या होता है । What is Finance, Meaning in Hindi :

What is Finance in Hindi (फाइनेंस क्या होता है) :हम अक्सर अखबार ,टीवी,मैगजीन,न्यूज़ इत्यादि में फाइनेंस शब्द पढ़ते  या सुनते हैं।या शब्द देश के बजट सत्य के दौरान चर्चा का विषय बना रहता है फाइनेंस शब्द बहुत से लोगों को पता नहीं होता है,लेकिन इसके बिना कोई भी काम संभव नहीं है। फाइनेंस एक बहुत सरल और बहू आर्थिक शब्द है, इसलिएफाइनेंस के बारे में बहुत कुछ नहीं कहा जा सकता है ।

बहुत ही साधारण शब्दों में कहे तो, फाइनेंस कई प्रकार की व्यापारिक क्रियो को चलाने की प्रक्रिया का साधन है किसी भी व्यक्ति, संस्थान ,कंपनी,के साथ- साथ सरकार को काम करने के लिए पैसा चाहिए फाइनेंस क्या है?यह आपको वित्तीय अर्थव्यवस्थाके बारे में पूरी जानकारी मिलेगी ।

Finance in Hindi : What is Finance फाइनेंस क्या होता है?

फाइनेंस क्या है? What is Finance

फाइनेंस शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द से हुई है,और 1800 के दशक में पैदा हुआ  था हिंदी में फाइनेंस ऑफ का अर्थ होता है  “वित्त”और इसका सीधा अर्थ कहे तो फाइनेंस रूपों का प्रबंध करता है,इसलिए इसका उपयोग किसी भी तरह के पैसे के प्रबंधन को करने के लिए किया जाता है। फाइनेंस या वित्त के क्षेत्र मेंआप पढ़े करना चाहते हैं तो आपको अर्थशास्त्र (Economics) का अध्ययन   करना होगा ।

What is Finance किसी भी व्यवसाय या कंपनी को अपने काम सुचारू रूप से करने के लिए धन की आवश्यकता होती है धन या मुद्रा का सीधा संबंध वित्तीय वित्त में शामिल होता है,बैंकिंग क्रेडिट निवेश संपत्ति का ध्यानदार वास्तव में,वित्त व क्षेत्र है, जो बैंकिंग,  ऋण, निवेश, संपत्ति संपत्ति  लेनदेन का प्रबंध निर्माण और अध्ययन करता है।

What is Finance ,फाइनेंस या वित्त की परिभाषा :

What is Finance धन से इसका बहुत गहरा संबंध रहता है,क्योंकि यह विनिमय का एकमात्र साधन है प्रशासनिक आर्थिक और सामाजिक   उद्यमों कोवित्तीय क्षेत्र में चलता है वित्तीय कार्य को बचत से लेकर वित्तीय संस्थानों और सरकारों के से करों  लेकर शहर पूंजी तक भी देखा करता है।

What is Finance,ये रही फाइनेंस की सामान्य परिभाषाएँ हैं:-

  • अर्थशास्त्र में वित्त को एक शाखा के रूप में माना जाता है, प्रबंधन निवेश और अधिकरणआवंटन से संबंधित है ।
  • व्यापार में वित्त को इकट्ठा ऋण प्रबंधन करके और उसे बेचकर धन जुटाना का भी काम करता है।
  • वित्त का अध्ययन धन के निर्माण प्रबंधन और विश्लेषण पर आधारित है इसमें क्रेडिट कार्ड बैंकिंग संपत्ति और निवेश भी इसमें शामिल है।
  • विशेषज्ञों ने ओवर टाइम संपत्ति को कुछ निश्चित और अनुचित परिस्थितियों में भी प्रदान करके दिया जाता है।
  •  विशेषज्ञों को मानना है की संपत्ति की कीमत उनके जोखिम स्टार और रिटर्न दर से प्रभावित होती है।
  • वित्त में सार्वजनिक क्षेत्रनिजी क्षेत्र और सरकारी संस्थानों जैसे वित्तीय प्रणाली को शामिल किया गया है जो सिस्टम भी ऊपर आधारित हैयह भी वित्तीय संस्थानों और वित्त का एक अध्ययन का रूप है।

फाइनेंस के प्रकार (Types of Finance)

What is Finance

फाइनेंस को कला और विज्ञान दोनों के रूप में देखा जा सकता है। यह हर एक व्यवसाय को मूल रूप से शुरू करने और चलने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। आजकल बीते या फाइनेंस को तीन भागों में बांटा गया है :- 


व्यक्ति वित्त (Personal Finance) – हिंदी में पर्सनल फाइनेंस को व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन कहते हैं व्यक्तिगत बीते कैसा विषय है जो किसी व्यक्ति और पैसे से के बीच संबंध है जो धन को संभालने और नियंत्रित करने के साथ-साथ इसे अधिक लाभ प्राप्त करने के तरीका भी सीखना है ठीक उसी तरह प्रत्येक व्यक्ति को पैसे की व्यवस्था करना अपना अलग-अलग तरीका हो सकता है बीच में पर्सनल फाइनेंस प्रत्येक व्यक्ति द्वारा धान का प्रबंध है वास्तव में अलग-अलग व्यक्तियों को धन की लेनदेन से जुड़ा हुआ पर्सनल फाइनेंस एक बहुत बड़ा मुद्दा होता है।

निगम वित्त (Corporate Finance) –हिंदी में निगम वित्त  कॉरपोरेट फाइनेंस भी  कहते हैं। दरअसल कॉरपोरेट फाइनेंस में वित्तीय निर्णय शामिल है, जो संगठन अपने रोज जीवन   में करता है इसका लक्ष्य संगठन के पास मौजूद धन का इस्तेमाल किया जाए ,ताकि कुछ निर्णय के जोखिम कम करते हुए अधिक लाभ प्राप्त किया है, जा सके इसलिए कॉर्पोरेट वित्तीय निर्णय व्यावसायिक निर्णय है जिनमें निगमन को वित्त पोषण के लिए पूंजी का स्रोत माना जाता है

लोक वित्त (Public Finance) –सभी सार्वजनिक प्राधिकरण  (Public Authorities) या सार्वजनिक निकायों (Public Bodies), केंद्र सरकार,राज्य सरकार और स्थानीय स्वशासन का वित्त प्रबंधन पब्लिक फाइनेंस के अंतर्गत ही आता है। दरअसल, लोक वित्त पब्लिक फाइनेंस में सरकारी वित्तीय प्रणाली पर चर्चा की जाती हैमुख्य रूप से इसमें सरकारी आए हुए और सार्वजनिक क्षेत्र में वित्तीय लेनदेन और निवेश का लेखा-जोखा रहता है।

शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, परिवहन, बुनियादी ढांचा, बिजली, संचार, भोजन आदि सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं में शामिल हैं। राजस्व का मूल स्रोत कर (टैक्स), विदेशी सहायता (Foreign Aid), वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री, उधार, निर्माण और विदेशी सहायता हैं।

शिक्षा ,स्वास्थ्य,स्वच्छता, परिवहन,बिजली,संचार, सड़क भजन इत्यादि सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं में शामिल है राजस्व  का मूल स्रोत कर (टैक्स), विदेशी सहायता (Foreign Aid),वस्तुओं और सेवाओं की विक्रय ,उधार  निर्माण और विदेशी सहायता करना होता है ।

Financial Services Meaning  Hindi 

What is Finance

धान का प्रबंध करने वाले बहुत प्रकार की व्यवसाईयों को वित्त उद्योग प्रदान करता है ।

सार्वजनिक बजट के घटक

  • सार्वजनिक राजस्व  –सार्वजनिक राजस्व मेंगैर कर राजस्व से मिलने वाली सरकारी आए शामिल होती है आयकर कॉर्पोरेट कर आयात आयात कर और निर्यात पर लगाए गए कर उत्पाद शुल्कस्टांपऔर सेवक और आदि से मिलने वाली आयकर राजस्व में शामिल है दूसरी और गैर कर राजस्व में शुल्क से आए सार्वजनिक क्षेत्र में उपकरणों का अधिशेष पूंजीगत प्रांतियों (जैसे जुर्माना और दंड), केंद्रीय राजस्व बैंक,सब्सिडी और उपहार इसमें शामिल होते हैं।
  • सार्वजनिक व्यय –सार्वजनिक निकायों द्वारा आम जनता की समग्र आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किए गए खर्चों को सार्वजनिक व्यय में जोड़ा जाता है  रक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा, आर्थिक वृद्धि,इत्यादि सामाजिक सुरक्षा और सरकारी रखरखाव में किए गए व्यय
  • सार्वजनिक ऋण –सरकारी ऋण भी सार्वजनिक ऋण कहलाता है यह बकाया देनदारी की कुल राशि को बताता है जो एक देश लेनदारों को देता है जो की सरकारी संस्थाएं और व्यक्ति हो सकते हैं लेनदार  आंतरिक भी हो सकता है, (बैंक या वित्तीय संस्थानों, जैसे घरेलू उधारदाताओं से) से उधार लिया गया ऋण)।
  • वित्तीय प्रसाशन – बजट तैयार करने के संबंधित प्रशासनिक नियंत्रण तकनीकी और समस्या पर ध्यान केंद्रित करने वाले सार्वजनिकविभाग का नाम वित्तीय प्रशासन है बजट तैयार करना पारित करना लागू करना यह एक उपकरण है जो देश के वित्तीय संचालक को नियंत्रित करने का काम करता है, बजट बनाते समय क्या ध्यान में रखा जाता है विभिन्न प्राधिकरण से कर कैसे मिलता है सार्वजनिक घटक की रिपोर्ट और लेखा परीक्षा के लिए कौन सा विभाग  जिम्मेदार हैं?
  • आर्थिक स्थरीकरण – अर्थव्यवस्था की स्थिरता आर्थिक व्यवस्था का मूल लक्ष्य है। यह उस राज्य की बात करता है, जिसमें सरकार की मौद्रिक, राजनीतिक या कानूनी नीतियों से अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव बहुत कम होता है और इसलिए मुद्रास्फीति की दर बहुत कम होती है। राष्ट्रीय आय का सही वितरण, जिससे आर्थिक स्थिरता मिलती है, देश की राजकोषीय नीति से होता है।
  • आर्थिक स्थरीकरण – अर्थव्यवस्था की स्थिरता आर्थिक व्यवस्था का एक मूल लक्ष्य है यह उसे राज्य की बात करता है जिसमें सरकार की मौद्रिक,राजनीति के कानूनी नीतियों से अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव बहुत ही काम होता है और इसलिए मुद्रा स्थिति की दर बहुत कम होती है राष्ट्रीय आय का सही वितरण,जिससे आर्थिक स्थिरता बनी रहती है और देश की राजकोषीय नीतिनीति का पालन भी होता है
  • आर्थिक विकास – जब उत्पादन और सेवाओं की आपूर्ति में वृद्धि हो जाती है तो यह आर्थिक विकास कहलाता है विशेषज्ञों  का मानना है कि विकासशील देश में आर्थिक विकास की समस्या होती है इसीलिए सार्वजनिक वित्त को एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है जिस देश आर्थिक विकास की समस्या का सामना आसानी से कर सके ।

FAQ’s About फाइनेंस क्या होता है?

What is Finance वित्त क्या है ?

फाइनेंस शब्दकी उत्पत्ति फ्रेंच भाषा से हुई है और 1800 के दशक में पैदा हुआ  में यह पैदा हुआ  था हिंदी में फाइनेंस का  अर्थ है “वित्त”और इसका सीधा मतलब होता है रूपों का प्रबंध करना इसीलिए इसका उपयोग किसी भी तरह के पैसे के प्रबंध को करने के लिए किया जाता है  ।

What is Finance ,फाइनेंस क्या होता है मीनिंग इन हिंदी ?

What is Finance,हिंदी में फाइनेंस का अर्थ होता है “वित्त”

फाइनेंस में क्या काम होता है ?

बैंकिंग, ऋण, निवेश, दिए हुए का आदान-प्रदान,निर्माण और अध्ययन करना।

फाइनेंस कम्पनी में क्या काम पड़ता है ?

इंटरनेशनल फाइनेंसिंग, मल्टी करंसीट्रेनिंग, अंतर्राष्ट्रीय लीज, फाइनेंसिंग आदि को जोड़ने का काम करना होता है।

फाइनेंस की हिंदी क्या है ?

फाइनेंस की हिंदी है “वित्त”

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7 COMMENTS

  1. बहुत ही अच्छा लगा जो आपने ये जानकारी दी।

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